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Modern Log!






याद आते हैं वो दिन
जब जाना होता था पिकनिक, समय से पहले उठकर बैग पैक करता था अपना |
वो बचपन था जनाब जो बनकर रह गया एक सपना, 
दिन बदला साल बदले हमारी आदतें बदली
इन बदलती आदतों ने हमे बदला |
जिस चीज़ का था मुझे बहुत गुरूर, 
बदलते समय के साथ वो भी हो गयी चूर |
लिखते थे ख़त जिसमे जज़्बात छुपे होते थे
आजकल insta, whatsapp के ज़माने में टैग होते है
किसी को mention करना भूल जाओ
तो दोस्ती पर सवाल उठते है? 
ऐसे दोस्तों का भी क्या फायदा
जो आपसे ज्यादा insta story का ख्याल रखते हैं
ज़िन्दगी के इस बदलते दौर में 
अपना ख्याल रखना, सिर्फ अपने बारे में सोचना
ये हमारी प्राथमिकता बन गयी है |
आजकल लोगों ने दिखावटी जीवनशैली अपना ली है
एक समय,था जब सब साथ मिलकर चाय की चुस्की लेते थे
अब Green tea, Cappuccino का जमाना आ गया है |
वो भी क्या दिन थे जब एक मित्र अपने मित्र की ख़ुशी में अपनी पूँजी लगा देता था, 
आज वो दौर है की  मित्र खुश कैसे है यह सोचते हैं...... 

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